Hindi poem (ओस)
(इस कविता में कवि ने ओस की खूबसूरती का वर्णन किया है। प्रभात की बेला में घास पर फूल पत्तों पर और वन उपवन में हर ओर ओस बिखरी हुई है। कवि ने भिन्न-भिन्न उपमाएँ देकर ओस का बहुत ही मनोहारी वर्णन किया है।) हरी घास पर बिखेर दी हैं ये किसने मोती की लड़ियाँ? … Read more